उत्तर प्रदेश के पश्चिम से लेकर पूर्वी जिलों में हुई बेमौसम बारिश और ओलों नें खेती की दशा व दिशा बिगाड़ दी है। गेहूं और सरसो की खड़ी फसल को जबरदस्त नुकसान हुआ है तो आलू की पछैती की फसल प्रभावित हुई है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में बीते सप्ताह 3 दिनों तक जबरदस्त बारिश और ओले गिरे हैं जो किसानों के लिए आफत बन कर आया है। तेज आंधी के साथ गिरे ओलों के चलते खेतों में खासी बढ़ चुकी गेहूं की फसल जमींदोज हो गयी वहीं सरसों से पके फूल टूट गए हैं। आलू की अगैती की फसल बाजार में आ चुकी है मगर बड़ी तादाद में देर में बोने वाली फसल खेतों में ही खराब हो गयी है।
प्रदेश में इस बार कई बार की बारिश के बाद भी आलू की अच्छी फसल की उम्मीद जताई जा रही थी। अगैती आलू की फसल प्रदेश में शिकोहाबाद, फिरोजबाद, अलीगढ़, हाथरस और आगरा व इटावा में बाजार में भी आ चुकी थी। हालांकि बड़ी तादाद में आलू की फसल अभी खेतों में ही है जहां क्यारियों में पानी भर गया है। सूत्रों के अनुसार, इस बार प्रदेश में आलू की पैदावार 160 लाख टन तक होने की उम्मीद थी, हालांकि अगैती की फसल को जाड़े की शुरुआती बारिश में नुकसान हो गया था। किसानों ने एक बार नुकसान उठाने के बाद लेट वैरायटी की फसल बोकर नुकसना को पूरा कर लिया था। बीते सप्ताह और एक महीने में दूसरी बार हुयी जोरदार बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है।
जनवरी में हुई बारिश ने जहां गेहूं की फसल को सिंचाई का फायदा पहुंचाया था वहीं इस बार ओलों के साथ आए आंधी पानी ने इसे नुकसान पहुंचाया है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गेहूं की खड़ी फसल खेतों में गिर गई है।